5 अप्रैल 2012
आईजोल | केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदम्बरम ने गुरुवार को कहा कि त्रिपुरा में पिछले 15 साल से शिविरों में रह रहे मिजोरम के करीब 36,000 जनजातीय शरणार्थियों को 26 अप्रैल से उनके गांव भेजा जाएगा। ये शरणार्थी रियांग जनजाति के हैं। चिदम्बरम ने यहां संवाददाताओं से कहा, "मिजोरम सरकार ने 669 परिवारों की पहचान की है, जिनमें 3,350 शरणार्थी हैं। इन्हें 26 अप्रैल से 15 मई के बीच इनके गांव भेजा जाएगा।"
उन्होंने कहा, "मिजोरम और त्रिपुरा, दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री शरणार्थियों को उनके गांव भेजने के लिए प्रतिबद्ध हैं। शरणार्थी त्रिपुरा के शिविरों से निकल अपने गांव जाएंगे।"
चिदम्बरम ने इसे बाधित करने के किसी भी प्रयास के प्रति चेतावनी दी। शरणार्थियों की घर वापसी सुनिश्चित करने के लिए मिजोरम के मुख्यमंत्री ललथनहावला और वरिष्ठ नेताओं तथा रियांग जनजाति के नेताओं से बातचीत करने के लिए चिदम्बरम बुधवार को यहां पहुंचे थे।
मिजोरम में एक मिजो वन अधिकारी की हत्या के कारण फैले तनाव के बाद रियांग जनजाति के 41 हजार से अधिक लोगों ने अक्टूबर, 1997 में उत्तरी त्रिपुरा में कंचनपुर सब-डिवीजन के करीब छह शिविरों में शरण ली थी।
पिछले साल भी 701 परिवारों को उनके गांव भेजा गया था। इनमें 3,585 शरणार्थी थे।
केंद्रीय गृह मंत्री ने यह भी कहा कि त्रिपुरा में सखान हिल्स के जो 83 मिजो परिवार इस तनाव में प्रभावित हुए, उन्हें भी मुआवजा दिया जाएगा।
मिजोरम सरकार के अनुसार, मिजोरम में रियांग जनजाति के लोगों ने वर्ष 1983 में उत्तरी त्रिपुरा से 83 मिजो परिवारों को बाहर कर दिया था। राज्य सरकार उनके लिए मुआवजे की मांग करती रही है।
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